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Rahat Indori Biography in Hindi | राहत इंदौरी जीवन परिचय, ऊंचाई, वजन, उम्र, मामला, परिवार, वीडियो, विकी, जीवनी

राहत इंदौरी भारत के बहुत बड़े शायर उर्दू के बहुत बड़े शायर जो लिखा लोगों ने हाथों-हाथ लिया इनकी शायरी तो इतनी ज्यादा फेमस है ग़ज़लें इतनी ज्यादा फेमस है लोग कार के पीछे लिखा वाले थे ट्रेंडिंग शायर है राहत इंदौरी तो आज हम राहत इंदोरी की बात करेंगे इससे पहले मैंने जॉन या परिचय दिया था बहुत अच्छा उसको रिस्पांस मिला शानदार रिसपॉन्स मिला तो मुझे लगा शायरों पर भी बायोग्राफी करनी चाहिए तो फिर से मैसेंजर आइए दोस्तों कमेंट बॉक्स आफ का है राहत इंदौरी की शायरी ओं से भर दीजिए कमेंट बॉक्स को क्या बात है शायद तो आज हम राहत इंदौरी की बात करेंगे आशा करता हूं आप बहुत अच्छे होंगे प्रणाम ऐसे जातक नहीं उतरी स्टडी है क्योंकि आपका बहुत-बहुत स्वागत है आगे बढ़ते हैं 


राहत इंदौरी



दोस्तों शेयर में काफी लोकप्रिय सिद्धांत अभियुक्तों के नाम से मेरी फेसबुक प्रोफाइल है दोनों जगह पर चकली डिफिसिट सवाल भी पूछ सकते हैं पौराणिक एक किताब लिखी फैलियर टो टाइम आप इसको स्टर है क्योंकि वेबसाइट से प्रयोग कर सकते हैं साथ खड़ी है क्योंकि आप आगे आपको Play Store से डाउनलोड कर ली है मैंने बहुत सारे क्वेश्चंस बना है साथ-साथ यूपीएससी का स्मार्ट फोंस में अवेलेबल है आपको बहुत ज्यादा फायदा होगा ट्विटर पर मैं आ गया है 


यह मेरी आईडी दोस्तों अगर हम राहत इंदौरी की बात करें राहत को ऋषि इनका जो नाम था आसफ नेम बदल लिया क्योंकि इंदौर के थे तो इंदौरी लग गया वैसे ज्यादातर शहरों के साथ यही होता है जिससे वह बिलॉन्ग करते हैं वह शहर का नाम उनके पीछे लग जाता है ठीक है ना और एक ट्रिब्यूट है एक तरीके से तो राहत कुरैशी दो बाद में राहत इंदौरी हो गए इनका जन्म अरे वह एक जनवरी 1950 में हुआ तो जन्म तिथि देखिए एक जनवरी ठीक है तो यह जनवरी न्यू ईयर के दिन पैदा हुए इंदौर में आपको पता है मध्यप्रदेश का बहुत ही खूबसूरत शहर है 



इंदौर यूनिवर्सिटी जब भी प्लेस इंडेक्स आफ इंदौर हमेशा टॉप है वह खूबसूरत चेहरे तो मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में पैदा हुई गणित काफी दिक्कत गुजर-बसर करना इतना आसान नहीं था गरीबी काफी ज्यादा तीव्र की जिंदगी थी दोस्तों टाइपिंग और बताते हैं कि जब मैं घर में रहता था चार भाई-बहन थे ठीक है इनकी दो बड़ी बहनें हैं तहजीब और तकरीर एक बड़े भाई है ठीक है और एक छोटे भाई हैं और माता-पिता पिताजी बहुत अमीर तो थे नहीं ठीक है कपड़े की मिल में काम करते थे क्लॉथ मेन वर्कर थी ठीक है ना अब ऐसा था कि राहत इंदौरी ईएस जब घर में होते थे जब लेटा करते थे तो अपने छत को देखते छप-छप पर था ठीक है 5656 में पैबंद लगा था


 उस प्रबंधक को देखा करते थे कि गरीबी व्रत कब दूर होगी लेकिन दोस्तों इंजॉय करते थे हर एक चीज में राहत इंदौरी ने इंजॉय किया और वहां से कविता निकालिए लेकिन कविता इनका फैशन नहीं था पोएट्री इनकी पहचान थी ही नहीं बाद में इन्होंने शायरी और गजलें लिखना शुरू की कि इनका पैशन है प्रिंटिंग यह प्रिंटर इन्होंने 10 साल ऐसा पेंटर काम किया ठीक है प्रोफेशनल पेंटर नहीं आ जाओ मत समझ गए वह उसे नहीं वह लें प्रिंटर नहीं मुश्किलों भरा वक्त दोस्तों घर में कंट्रीब्यूट करना पैसे से कांटेक्ट करना बहुत ज्यादा जरूरी था चित्रकारी में रुचि थी तो इन्होंने तो साइन बोर्ड होते हैं जो एप्स होते हैं होते हैं ना उस तरीके के वह डिजाइन करने शुरू किए और प्रतिभा इतनी ज्यादा थी कि कि जब यह साइन बोर्ड डिजाइन करते थे 


इनका नाम हो गया था लोग इनसे साइन बोर्ड डिजाइन करने के लिए एक महीना वेट करते थे 10 साल सर्किलों में काम किया लेकिन एकदम से से 84 बनना है 10 लेकिन है अब राहत इंदोरी बताते हैं कि मुझे भी नहीं पता कैसे खाया जाता ख्याल आया कैसे मैंने सोचा कि पेंटर से एकदम शहर बन जाऊं और यह बताते हैं कि पेंटिंग और शायरी यह दोनों एक ही चीज है एक ही सिक्के के दो पहलू है यह दोनों बहनें हैं साथ में चलती हैं कि दोनों ही कला है और दोनों से ही मैंने तो बहुत कम ही लेकिन फिर भी पेंटिंग को यह ज्यादा बड़ा मानते हैं 

पहला पैशन अपना पेंटिंग वहीं कंसीडर करते हैं ठीक है उसके बाद इन्होंने दोस्तों 1978 में करीमिया कॉलेजों के इंदौर में इस व्याख्यान संपन्न ग्रेजुएशन पूरा किया और उसके बाद वे या उर्दू लिटरेचर में बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज यूनिवर्सिटी एमपी की बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी से 1975 में इन्होंने एमए की डिग्री ली और फिर पढ़ाया भी इन्होंने 10 साल ग़ज़ल पढ़ाई भी उसका अध्ययन भी किया बकायदा ठीक है इनके बारे में बोला जाता है कि बाहर से सकते लेकिन अंदर से नरम है ना फिर उन्होंने पीएचडी भी की उर्दू लिटरेचर से है ना एमपी में भोज यूनिवर्सिटी से उर्दू लिटरेचर से पीएचडी भी दे तो काफी पढ़े-लिखे हैं ताकि पढ़े लिखे हैं और उसके बाद फिर ने पूरी दुनियां ट्रेवल की है 50 साल से दोस्तों 50 साल से परफॉर्म कर रहे हैं मंच साझा कर रहे हैं मंच पर जाते हैं 

शायरियां बोलते हैं और 50 साल बहुत बड़ा चाणक्य की आदत पड़ गई इनको ठीक है और कुछ शायरियां तो दोस्तों कि बहुत ही ज्यादा फेमस है इन्होंने पूरी दुनिया भूमि हालांकि यह तो देखिए एक शायर की जिंदगी इतनी आसान नहीं होती है बहुत मुश्किल होता है और यहां पर पूछा क्या ग़ज़ल के बारे में पूछा गया कि आप जरूर शहर को कैसे देखते हैं तो राहत इंदौरी ने बोला कि ग़ज़ल को समझना बहुत मुश्किल है मैंने तो काफी वक्त लगाया बाद मुझे समझ में आया त्यौड़ी को समझ नहीं है तो आपको थोड़ा पागल थोड़ा दीवाना थोड़ा दिल थे एक थोड़ा सा अड़ियल थोड़ा सा क्या कहते हैं कि मतलब थोड़ा जिसका दिल टूटा हो और थोड़ा सा बदचलन होना पड़ता है क्या बात है मजा आ लगी एक व्याख्या करने का उनका तरीका है ना तो शायर का जीवन मुश्किल होता है यह बताते हैं कि जब मेरी वाइफ जाती थी तो अक्षर इनको लोग तने मारा करते थे

 इस शायर की बीवी को गुजारा चलता है कि नहीं लेकिन गुजारा तो छोड़िए दोस्तों राहत इंदौरी ने इतना ज्यादा नाम कमाया या बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटीज में जाकर कि नेचर देते हैं अभी मैन का कार्यक्रम दिखाओ कि डिसाइड मुंबई चाहेगी दिल्ली में पली-बढ़ी वर्सिटीज में पूरी दुनिया घूम चुके हैं दोस्तों पूरी दुनिया घूम चुके हैं बहरे हनुमान कुवैत मॉरीशस अमेरिका पाकिस्तान बांग्लादेश पूरी दुनिया पाकिस्तान में बता रहे थे कि पाकिस्तान में जॉन एलिया से मिले थे तो 10 से मुलाकात हुई जो नैक और बहुत गजब के समय वह तो ऐसे शेयर थे आज के ज़माने में सबसे फेमस यौन लिया उनका देहांत हो गया ठीक है 2002 में उनका देहांत हो गया लेकिन उसके बाद उनकी शायरियां फेमस है उनके देहांत होने के बाद कुछ लोग होते हैं जो उनका ध्यान तो जाता जयपुर स्वर्ग सिधार जाते हैं तब उनका काम होता है ऐसे 10 लाख ऐसे बहुत सारे लंबी लिस्ट है ठीक है अब वह उसकी बात नहीं करते हैं तो यहां पर हम देख रहे हैं कि इस मुलाकात में इनकी तो जॉन एलिया बड़ा एक कमाल का है हां यह बताते हैं कि मेरा जहां पर शो था तो जवनिया मुझे लेने के लिए तो जहां पर मुझे जाना था बाहर रोड बड़ी खराब थी तो मैंने उससे पूछा कि कितना वक्त लगेगा वहां पर पहुंचने के लिए तो जवनिया ने बनाया बस तीन पैक पिता फतेह उन्होंने बोला कि वह तीन पैक वक्त छोड़ दीजिए पीते-पीते सफर कर जाएगा कि नहीं तो यह बात बताई और आपको बता दूं कि राहत इंदौरी ने फिल्मों में भी ऐसा लिरिसिस्ट काम किया है बहुत सारी मूवी इसमें इन्होंने गीतों को लिखा है यह शायद बहुत लोगों को बात पता नहीं होगी मुन्ना भाई एमबीबीएस मूवी आपने देखिए हर किसी ने राजकुमार हिरानी की मूवी उसमें भी इन्होंने वह जो मुन्ना भाई एमबीबीएस का टाइटल ट्रैक है ना वह इन्हें नहीं लिखा है समझ रहे हैं तो काफी मूवीस है दोस्तों मैंने काम किया है मैंने अनु मलिक के साथ काम किया है 


इश्क इश्क जो मूवी आई थी जिसमें अजय देवगन आमिर खान उसमें गाना बहुत फेमस हुआ तो नींद चुराई मेरी किसने ओ सनम तूने ठीक है देखो देखो जानम हम दो अपने वह इन्होंने लिखिए बहुत सारी मूवीस के लिए इन्होंने मतलब ऐसा लिरिसिस्ट काम किया है बोल इन्होंने लिखिए और अनु मलिक के साथ ज्यादा का खुला प्रदर्शन रहा है एक उदार हो गया मर्डर हो गया मिशन कश्मीर हो गया वसई जो मुन्ना भाई एमबीबीएस अब याद नहीं आ रही है ठीक है किताबें भी लिखी है ने अभी हाल ही में उनकी बायोग्राफी हिंदी डे ना मौजूद हो गया नाराज चांद पागल है धूप बहुत है इस तरीके की किताबों ने किताब में यह भी है लिखना बहुत पसंद है लेकिन नहीं और हिंदी कुछ प्रेम शायद इसकी बात करते हैं 40 से 45 साल हो गए हैं


 दोस्तों को परफॉर्म करते हुए ठीक है वह सारे मुशायरा कवि सम्मेलन में परफॉर्म करता जाने माने जाने माने पॉइंट है यह है ना और यह जो इनकी पोयम है बुलाती है मगर जाने का नहीं यह तो एक मिनट और होगी कहना कुछ जानते थे कि कुछ गई है पोयम यह इतनी ज्यादा वायरल हुई बुलाती है मगर जाने का नहीं कि लोगों ने गाड़ी के पीछे यह लिखना शुरू कर दिया बुलाती है मगर जाने का नहीं है ट्रेंड सेटर उग यह पोयम अब दोस्तों यह तो यह कुछ इस तरीके की पोयम लिखते हो आपने सुना होगा अगर वह घंटे का भी प्रोग्राम होगा ठीक है जैसे मैंने तो मैंने तो


घंटे-घंटे कैसे एक बार आपने उनको बोलते हो फिर घंटे पूरे होंगे तब उन्हें यह आप देख सकते हैं कि क्योंकि बात करेंगे ठीक है यह जो आपकी बुलाती है मगर जाने नहीं यह दुनिया है इधर जाने का नहीं अब यहां पर बताना चाह रहे हैं दुनिया दुनिया ऐसी है तो यह जो तौर तरीके बताती है इसको मत करो अपने हिसाब से चलो यह सब लोगों ने उन लोगों ने बुलाती है मगर जाने नहीं तो यह जो यह वायरल हुई है मगर अब स्क्रीन को हम हैप्पी है मगर जाने का नहीं यह दुनिया है


 इधर जाने का नहीं अनिल रहने की मेज़ किसी से इश्क कर मगर हद से गुजर जाने का नहीं क्या बात है समझ रहे हैं बिल्कुल सेंसेज में रहकर जमीन भी सर पर रख अपनी हो तो रखो चलें हो तो ठहर जाने का नहीं सितारे नोच कर ले जाऊंगा मैं खाली हाथ घर जाने का नहीं मावा फैली हुई है हर तरफ अभी माहौल मर जाने का नहीं वह फोर्टी प्लस देखिए यह देखिए आप अब यह लास्ट लाइन सबसे बेहतर ई वह गर्दन हफ्ता है ना अपने मगर ज़ालिम से डर जाने का नहीं बुलाती है मगर जाने का यह बहुत वर्जन की पोयम थी यह बहुत जल्दी ठीक है और कुछ बात करें दोस्तों जो ने लिखा है तो जुबा तो खोल नजर तो मिला जवाब तो दे मै कितनी बार लुटा हूं मुझे कि आप देख लो अगर किसी को बोल दे तो वैसे ही इंप्रेस हो जाए एक ही नहीं है ऐसे बीच शब्दों का यह तो माया जाल है कितना खूबसूरत है आप हो जाएंगे अपनी जो प्रॉब्लम समय भूल जाएंगे हालांकि इनकी सारी पट्टियां प्रॉब्लम्स याद आ जाएगी और आपका दिल टूटा है तब तो बेटा तुम पैगाम से डैंड्रफ अब यह देखिए यह टूटे दिलों के लिए है कहीं अकेले मिल के कहीं अकेले में मिलकर झाड़ दूंगा उसे जहां से वह टूटा है जोड़ दूंगा उसे मुझे वह छोड़ गया 


यह कमाल है उसका इरादा मैंने किया था कि छोड़ दूंगा उसे क्या बात है न पकड़ लिए यहां पर लोगों की नब्ज पकड़ लिए हम सबके साथ है हम सब भुक्तभोगी हैं ना इसलिए हम लोग इतना कनेक्ट कर सकते हैं जैसे कि आपको चिंता से कलेक्ट करते हैं उसी की लाइटिंग से कलेक्ट करते हैं जो हमारे साथ हो रहा है कार मांस का में एग्जांपल लूंगा कार्ल मार्क्स कार्ल मार्क्स बहुत ही ऐतिहासिक व्यक्ति हैं आंध्र प्रदेश कैपिटल कि मैंने तो कितने सारे चकली है उन पर तो आपका डैंड्रफ ज्यादा क्यों क्योंकि हम कहीं ना कहीं वह चीज से कनेक्ट करता हूं 

आपको पता है कि वह प्रॉब्लम जो है जो साइड की प्रॉब्लम है वह हमारे साथ भी है तो जिस इंसान से हम कनेक्ट करता हूं उसके रिस्पेक्ट करते हैं वह जो लिखता है उसकी जो लिखा हुआ है अमर हो जाती है जैसे राहत इंदोरी कि उसकी याद आई है सांसो जरा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में खलल पड़ता है क्या बात है वह बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर जो मेरी प्यास है मुझे तो धज्जियां उड़ जाएं वो एक और छूट गया जब कभी खयाल तेरा दिल मेरा देर तक भटकता रहा कल तेरा जिगर छिड़ गया था घर में और घर देर तक मेहता रहा तो इस तरीके की शायरियां लिखी है ठीक है और हर तौर पर लेते हैं सिर्फ ऐसे ही इश्क मोहब्बत है यह अभी तो पॉलिटिक्स में बहुत अच्छा लिख रहे हैं पॉलिटिक्स में बहुत साद शायरी लिखने अभी जो एमपी में हुआ जो सियासत चली एमपी में आपको पता है किस तरीके यूपी में कांग्रेस की सरकार बदल दी है 


ना ज्योतिरादित्य सिंधिया सिंधिया ने अपना पूरा सपोर्ट खींच लिया और इसे दोबारा शिवराज सिंह चौहान जो है वह सीरम हो गया तो वहां पर भी बड़े खोलकर बोलते हैं यह किसी से भी नहीं डरते जो बोलना है वह बोलते हैं लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यों है इतना डरते हैं तो घर से निकलते क्यों हैं क्या बात है समझ रहे हैं आप तो इस तरीके की बहुत सारी शायरियां है ठीक है अब ऐसे तो मैंने इंटरव्यू देखिए कि बहुत सारे मसाले देखिए यूट्यूब पर है ना जितनी याद आती जा रही है मैं आपको बताने जा रहा हूं लेकिन आप ज़रूर पढ़िएगा इनके बारे में बहुत ही कमाल का लिखा है जाते-जाते कोश्यारी बताता हूं एक और अच्छी तो बहुत ही फेमस है कि ठीक है अब भी जाते हैं कुछ होता है ना कि जब भी कुछ कोई आइटम जाते हैं तो यह कैरेक्टर रहता है तो आप उसे एक पर्टिकुलर डायलॉग कि जरूर डिमांड करते हैं 


वैसे ही एक और की बहुत ही फेमस शायरी है मेरे मुझे में नहीं और कहीं पर रख दो आसमान लाए हो ले आओ ज़मीन पर रख दो कहां ढूंढूं ने जाओगे हमारे कातिल आप तो कत्ल का इल्जाम हम पर ही रख दो मैंने जिस ताक पर टूटे दे रखे हैं दुनिया का ध्यान से मैंने जिस ताक पर टूटे दे रखे हैं 


चांद तारों को भी ले जाकर मई पर रख दो कितनी डिप ने से आप देख सकते हैं ना तो यह रचयिता आई हॉप राहत इंदौरी पर आपको पसंद आया होगा लेक्चर अगर आप चाहते हैं कि मैं और शायर रिचेस्ट और पोएट्स परिचय लेकर आऊं तो मुझे जरूर कमेंट बॉक्स बताइए पेज में बताइए बस जरूर लेकर आऊंगा कोशिश करूंगा कि ले क्यों कुछ नहीं पढ़ते रहिए से धुंध

जीवन परिचय #colspan#
वास्तविक नाम राहत
उपनाम राहत इंदौरी
व्यवसाय कवि, गीतकार, शायर
शारीरिक संरचना #colspan#
लम्बाई (लगभग) से० मी०- 170
मी०- 1.70
फीट इन्च- 5’ 7”
वजन/भार (लगभग) 72 कि० ग्रा०
आँखों का रंग गहरा भूरा
बालों का रंग श्याम-श्वेत
व्यक्तिगत जीवन #colspan#
जन्मतिथि 1 जनवरी 1950
आयु (2018 के अनुसार ) 68 वर्ष
जन्मस्थान इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
राशि मकर
गृहनगर इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत
स्कूल/विद्यालय नूतन स्कूल इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत
महाविद्यालय/विश्वविद्यालय इस्लामिया करीमीया कॉलेज (ikdc) इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत
बरकातुल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल, मध्य प्रदेश
भोज विश्वविद्यालय, भोपाल, मध्य प्रदेश
शैक्षिक योग्यता वर्ष 1975 में, बरकातुल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल, मध्य प्रदेश से उर्दू साहित्य में परास्नातक
वर्ष 1985 में, भोज विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश से उर्दू साहित्य में पीएचडी
परिवार पिता :- राफतुल्लाह कुरैशी (एक कपड़ा मिल कर्मचारी)
माता :- मकबूल उन निशा बेगम
भाई-बहन :- 3
धर्म इस्लाम
शौक चित्रकारी करना, यात्रा करना
पसंदीदा चीजें #colspan#
पसंदीदा खेल हॉकी और फुटबॉल
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां #colspan#
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पत्नी सीमा राहत
बच्चे बेटा :- फ़ैसल राहत, सतलज़ राहत
राहत इंदौरी का बेटा सतलज़ राहत इंदौरी
बेटी :- शिब्ली इरफ़ान
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